धानीप्राणी या मारसूपियल (Marsupial) स्तनधारी जानवरों की एक वर्ग है जो अपने शिशुओं को अपने पेट के पास बनी हुई एक धानी (थैली) में रखकर चलते हैं। यह ज़्यादातर पृथ्वी के [अपने अस्तित्व में आने के समय से ही उत्तरी गोलार्ध ]] (हेमिस्फ़ीयर) में पाए जाते हैं। जाने-माने धानीप्राणियों में कंगारू, कोआला, पॉस्सम, वोम्बैट और तास्मानियाई डेविल शामिल हैं। धानिप्राणी के नवजात शिशु अन्य स्तनधारियों के नवजात बच्चों की तुलना में बहुत अविकसित होते हैं और पैदा होने के बाद यह काफ़ी समय (कई हफ़्तों या महीनों तक) अपनी माता की धानी में ही रहकर विकसित होते हैं।[1]
जीववैज्ञानिकों को धानीप्राणियों की ३३४ जातियाँ ज्ञात हैं जिनमें से लगभग ७०% ऑस्ट्रेलिया, नया गिनी और उनके आसपास के द्वीपों में मिलती हैं। शेष १०० जातियाँ मुख्यतः दक्षिण अमेरिका में मिलती हैं हालांकि १३ मध्य अमेरिका में और एक उत्तर अमेरिका में भी मिलती है।[1] यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि अनुवांशिक (जेनेटिक) और जीववैज्ञानिक दृष्टि से 'धानीप्राणी' की श्रेणी में आने वाले सभी जानवरों में धानी नहीं होती।[2]
धानीप्राणी या मारसूपियल (Marsupial) स्तनधारी जानवरों की एक वर्ग है जो अपने शिशुओं को अपने पेट के पास बनी हुई एक धानी (थैली) में रखकर चलते हैं। यह ज़्यादातर पृथ्वी के [अपने अस्तित्व में आने के समय से ही उत्तरी गोलार्ध ]] (हेमिस्फ़ीयर) में पाए जाते हैं। जाने-माने धानीप्राणियों में कंगारू, कोआला, पॉस्सम, वोम्बैट और तास्मानियाई डेविल शामिल हैं। धानिप्राणी के नवजात शिशु अन्य स्तनधारियों के नवजात बच्चों की तुलना में बहुत अविकसित होते हैं और पैदा होने के बाद यह काफ़ी समय (कई हफ़्तों या महीनों तक) अपनी माता की धानी में ही रहकर विकसित होते हैं।
जीववैज्ञानिकों को धानीप्राणियों की ३३४ जातियाँ ज्ञात हैं जिनमें से लगभग ७०% ऑस्ट्रेलिया, नया गिनी और उनके आसपास के द्वीपों में मिलती हैं। शेष १०० जातियाँ मुख्यतः दक्षिण अमेरिका में मिलती हैं हालांकि १३ मध्य अमेरिका में और एक उत्तर अमेरिका में भी मिलती है। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि अनुवांशिक (जेनेटिक) और जीववैज्ञानिक दृष्टि से 'धानीप्राणी' की श्रेणी में आने वाले सभी जानवरों में धानी नहीं होती।