गिबन (Gibbon) लंबी बाहोंवाला, पेड़ों पर दौड़नेवाला एक कपि का जीववैज्ञानिक कुल है जो उत्तरपूर्वी भारत, पूर्वी बंग्लादेश और दक्षिणपूर्वी चीन से लेकर इण्डोनेशिया के कई द्वीपों (सुमात्रा, जावा और बोर्नियो समेत) में पाया जाता है। गिबन कुल के चार जीववैज्ञानिक वंश और १७ जीववैज्ञानिक जातियाँ अस्तित्व में हैं। इनका रंग काला, भूरा और श्वेत का मिश्रण होता है। पूरे श्वेत रंग के गिबन बहुत् कम ही दिखते हैं। गिबन जातियों में सियामंग, श्वेत-हस्त या लार गिबन और हूलोक गिबन शामिल हैं।[1]
यह मानव, चिम्पैन्ज़ी, ओरंग उतान, गोरिला और बोनोबो जैसे महाकपियों की तुलना में आकार में छोटे होते हैं और उनसे अधिक बंदर-जैसे दिखते हैं लेकिन सभी कपियों की भाँति इनकी भी पूँछ नहीं होती और यह अक्सर अपने पिछले पाँवों पर चलते हैं। इन्हें अक्सर हीनकपि (smaller apes) कहा जाता है।[2] ये पृथ्वी पर खड़े होकर तो चल सकते ही हैं, पेड़ों पर भी हाथ के सहारे से खड़े होकर चलते हैं। यह वृक्षों में डाल-से-डाल लटककर बहुत तेज़ी से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में सक्षम होते हैं। इन्हें एक डाल से ५० फ़ुट (१५ मीटर) दूर की डाल तक कूदते हुए और ५५ किमी प्रति घंटे (३४ मील प्रति घंटे) की गति से पेड़ों में घूमते हुए मापा गया है। उड़ सकने वाले स्तनधारियों को छोड़कर, यह विश्व के सबसे गतिशील वृक्ष विचरणी स्तनधारी हैं।[3]
गिबन आजीवन एक ही जीवनसाथी चुनकर उसके साथ रहने के लिये जाने जाते हैं हालांकि कुछ जीववैज्ञानिक इसपर विवाद करते हैं और उनके अनुसार गिबनों में कभी-कभी तलाक जैसी प्रक्रिया भी देखी जा सकती है।[4][5]
गिबन (Gibbon) लंबी बाहोंवाला, पेड़ों पर दौड़नेवाला एक कपि का जीववैज्ञानिक कुल है जो उत्तरपूर्वी भारत, पूर्वी बंग्लादेश और दक्षिणपूर्वी चीन से लेकर इण्डोनेशिया के कई द्वीपों (सुमात्रा, जावा और बोर्नियो समेत) में पाया जाता है। गिबन कुल के चार जीववैज्ञानिक वंश और १७ जीववैज्ञानिक जातियाँ अस्तित्व में हैं। इनका रंग काला, भूरा और श्वेत का मिश्रण होता है। पूरे श्वेत रंग के गिबन बहुत् कम ही दिखते हैं। गिबन जातियों में सियामंग, श्वेत-हस्त या लार गिबन और हूलोक गिबन शामिल हैं।
यह मानव, चिम्पैन्ज़ी, ओरंग उतान, गोरिला और बोनोबो जैसे महाकपियों की तुलना में आकार में छोटे होते हैं और उनसे अधिक बंदर-जैसे दिखते हैं लेकिन सभी कपियों की भाँति इनकी भी पूँछ नहीं होती और यह अक्सर अपने पिछले पाँवों पर चलते हैं। इन्हें अक्सर हीनकपि (smaller apes) कहा जाता है। ये पृथ्वी पर खड़े होकर तो चल सकते ही हैं, पेड़ों पर भी हाथ के सहारे से खड़े होकर चलते हैं। यह वृक्षों में डाल-से-डाल लटककर बहुत तेज़ी से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में सक्षम होते हैं। इन्हें एक डाल से ५० फ़ुट (१५ मीटर) दूर की डाल तक कूदते हुए और ५५ किमी प्रति घंटे (३४ मील प्रति घंटे) की गति से पेड़ों में घूमते हुए मापा गया है। उड़ सकने वाले स्तनधारियों को छोड़कर, यह विश्व के सबसे गतिशील वृक्ष विचरणी स्तनधारी हैं।
गिबन आजीवन एक ही जीवनसाथी चुनकर उसके साथ रहने के लिये जाने जाते हैं हालांकि कुछ जीववैज्ञानिक इसपर विवाद करते हैं और उनके अनुसार गिबनों में कभी-कभी तलाक जैसी प्रक्रिया भी देखी जा सकती है।