कैक्टस (cactus) सपुष्पक वनस्पतियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है जो अपने मोटे, फूले हुए तनों में पानी बटोरकर शुष्क व रेगिस्तानी परिस्थितियों में जीवित रहने और अपने कांटों से भरे हुए रूप के लिए जाना जाता है। इसकी लगभग १२७ वंशों में संगठित १७५० जातियाँ ज्ञात हैं और वह सभी-की-सभी नवजगत (उत्तर व दक्षिण अमेरिका) की मूल निवासी हैं। इनमें से केवल एक जाति ही पूर्वजगत में अफ़्रीका और श्रीलंका में बिना मानवीय हस्तक्षेप के पहुँची थी और माना जाता है इसे पक्षियों द्वारा फैलाया गया था। कैक्टस लगभग सभी गूदेदार पौधे होते हैं जिनके तनों-टहनियों में विशेषीकरण से पानी बचाया जाता है। इनके पत्तों ने भी विशेषीकरण से कांटो का रूप धारण करा होता है।[2]
कैक्टस (cactus) सपुष्पक वनस्पतियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है जो अपने मोटे, फूले हुए तनों में पानी बटोरकर शुष्क व रेगिस्तानी परिस्थितियों में जीवित रहने और अपने कांटों से भरे हुए रूप के लिए जाना जाता है। इसकी लगभग १२७ वंशों में संगठित १७५० जातियाँ ज्ञात हैं और वह सभी-की-सभी नवजगत (उत्तर व दक्षिण अमेरिका) की मूल निवासी हैं। इनमें से केवल एक जाति ही पूर्वजगत में अफ़्रीका और श्रीलंका में बिना मानवीय हस्तक्षेप के पहुँची थी और माना जाता है इसे पक्षियों द्वारा फैलाया गया था। कैक्टस लगभग सभी गूदेदार पौधे होते हैं जिनके तनों-टहनियों में विशेषीकरण से पानी बचाया जाता है। इनके पत्तों ने भी विशेषीकरण से कांटो का रूप धारण करा होता है।