dcsimg

सिलंग ( Hindi )

provided by wikipedia emerging languages

सिलंग या ख़ुशबूदार ओज़मैनथस (अंग्रेज़ी: Sweet Osmanthus) एक प्रकार का पुष्पीय पौधा है, जो एशिया के शीतोष्ण कटिबन्ध (टेम्परेट ज़ोन) के गर्म भागों में, कॉकस क्षेत्र से लेकर जापान तक उगता है। भारत में यह हिमालय क्षेत्र में मिलता है और इसका प्रयोग बग़ीचों में ख़ुशबू के लिए किया जाता है क्योंकि इसके फूलों में पकी हुई ख़ुबानी से मिलती-जुलती एक लुभावनी सुगंध होती है।[1] कुमाऊँ में इसका प्रयोग कपड़ों को कीड़ों द्वारा खाए जाने से बचने के लिए भी किया जाता है।[2] चीन में इसके फूलों की चाय बनाई जाती है।[2]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Economic Products of India, Sir George Watt, Printed by the Superintendent of Government Printing, Government of India,1883, ... Osmanthus fragrans, Lour., Oleaceae, Vernacular - Shilling, silang, Kumaun; Tungrung, Lepcha. A small tree of the Himalaya, from Kumaun to Bhutan, sometimes gregarious, but more often planted for the sake of its sweet-scented flowers ...
  2. A manual of Indian timbers: an account of the growth, distribution, and uses of the trees and shrubs of India and Ceylon, with descriptions of their wood-structure, James Sykes Gamble, S. Low, Marston & Co, 1922, ... Osmanthus, Lour ... A very sweet scented tree, the flowers having the scent of apricots. These flowers are used in China to flavour tea and in Kumaon to protect clothes from insects ...
license
cc-by-sa-3.0
copyright
विकिपीडिया के लेखक और संपादक

सिलंग: Brief Summary ( Hindi )

provided by wikipedia emerging languages

सिलंग या ख़ुशबूदार ओज़मैनथस (अंग्रेज़ी: Sweet Osmanthus) एक प्रकार का पुष्पीय पौधा है, जो एशिया के शीतोष्ण कटिबन्ध (टेम्परेट ज़ोन) के गर्म भागों में, कॉकस क्षेत्र से लेकर जापान तक उगता है। भारत में यह हिमालय क्षेत्र में मिलता है और इसका प्रयोग बग़ीचों में ख़ुशबू के लिए किया जाता है क्योंकि इसके फूलों में पकी हुई ख़ुबानी से मिलती-जुलती एक लुभावनी सुगंध होती है। कुमाऊँ में इसका प्रयोग कपड़ों को कीड़ों द्वारा खाए जाने से बचने के लिए भी किया जाता है। चीन में इसके फूलों की चाय बनाई जाती है।

license
cc-by-sa-3.0
copyright
विकिपीडिया के लेखक और संपादक