Ko e touhuni ko e fuʻu ʻakau lahi ia. ʻOku ui foki ko e Messerschmidia argentea, pe Argusia argentea. Ko e argentea, ʻa ia ko hono 'uhinga ko e lanusiliva pe ko e ʻasi siliva ʻi lalo ʻo e lau. ʻOku ongoongoa ʻa e ngaahi fuʻu touhuni ʻi he Hala Vuna ʻi Nukuʻalofa.
ʻOua ʻe fakapuputuʻu mo e puko, ʻoku tatau ʻa e ʻasi ʻo hona lau, ka ʻoku kehe mo e toenga. ʻOku petepete ʻaupito ʻa e kili ʻo e ʻakaú ni.
Ko e touhuni ko e fuʻu ʻakau lahi ia. ʻOku ui foki ko e Messerschmidia argentea, pe Argusia argentea. Ko e argentea, ʻa ia ko hono 'uhinga ko e lanusiliva pe ko e ʻasi siliva ʻi lalo ʻo e lau. ʻOku ongoongoa ʻa e ngaahi fuʻu touhuni ʻi he Hala Vuna ʻi Nukuʻalofa.
ʻOua ʻe fakapuputuʻu mo e puko, ʻoku tatau ʻa e ʻasi ʻo hona lau, ka ʻoku kehe mo e toenga. ʻOku petepete ʻaupito ʻa e kili ʻo e ʻakaú ni.
वृक्ष सूर्यानुवर्त (Tree Heliotrope), जिसे ऑक्टोपस झाड़ (Octopus Bush) भी कहते हैं, बोराजिनासीए (Boraginaceae) जीववैज्ञानिक कुल का एक फूलदार पौधा है। यह मूलतः एशिया के गरम क्षेत्रों (जैसे कि दक्षिणी चीन), हिंद महासागर में माडागास्कर और उसके इर्द-गिर्द के द्वीपों, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर में माइक्रोनीशिया और पोलिनिशिया के एटोलों (मूँगे द्वारा बनाए गए नन्हे द्वीप) और बड़े द्वीपों पर उगता है। यह झाड़ी या छोटे पेड़ का रूप रखता है जो लगभग ६ मीटर (२० फ़ुट) ऊँचा उग जाता है और लगभग उतने ही क्षेत्र में इसकी टहनियाँ भी फैल जाती हैं।
इसका सबसे पहला वैज्ञानिक नाम 'टूर्नेफ़ोर्टिया आर्जेन्टिया' (Tournefortia argentea) हुआ करता था, जो बाद में बदलकर 'आर्गूसिया आर्जेन्टिया' (Argusia argentea) कर दिया गया। जब जीववैज्ञानिकों में इसके जीववैज्ञानिक वर्गीकरण का मत और विकसित हुआ तो इसे पहले तो वापस 'टूर्नेफ़ोर्टिया आर्जेन्टिया' में और फिर सन् २००३ में 'हीलियोट्रोपियम फ़ोर्थेरियेनम' (Heliotropium foertherianum) में परिवर्तित कर दिया गया।[2][3]
वृक्ष सूर्यानुवर्त की काठ का इस्तेमाल औज़ार और हस्तशिल्प वस्तुएँ बनाने में होता है। कुछ जगहों पर इसे जलाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। पोलिनिशिया में इसकी लकड़ी से तैराकी के चश्मों के सांचे बनाए जाते हैं (जिनमें शीशा लगाया जाता है)।
प्रशांत महासागर के कुछ रीफ़ों में मछलियों में एक गैम्बियरडिस्कस (Gambierdiscus) नामक विशेष प्रकार की शैवाल (ऐल्गी) खाने से कभी-कभी सिगुआतेरा (ciguatera) नाम एक ज़हरीला पदार्थ इकठ्ठा हो जाता है। इस से प्रभावित मछली खाने से मनुष्यों को भी यह ज़हर चढ़ सकता है। बहुत से द्वीपों की पारम्परिक चिकित्सा में वृक्ष सूर्यानुवर्त का उपयोग इस विष के उपचार के लिए सदियों से होता आया है। नया कैलेडोनिया पर स्थित पैस्त्यर संसथान (Pasteur Institute) और फ़्रांसिसी पोलिनिशिया के लूई मालार्द संस्थान (Louis Malard Institute) के विज्ञानिकों ने ऑक्टोपस झाड़ पर अनुसन्धान करते हुए इसमें रोज़मैरिनिक अम्ल (rosmarinic acid) से मिलता हुआ एक अणु होने की सम्भावना पाई है, जिसमें इस विष को शरीर के भिन्न भागों से हटाने की क्षमता हो सकती है और साथ-साथ प्रदाह (इन्फ़्लामेशन) कम करने के भी गुण हैं।[4]
वृक्ष सूर्यानुवर्त (Tree Heliotrope), जिसे ऑक्टोपस झाड़ (Octopus Bush) भी कहते हैं, बोराजिनासीए (Boraginaceae) जीववैज्ञानिक कुल का एक फूलदार पौधा है। यह मूलतः एशिया के गरम क्षेत्रों (जैसे कि दक्षिणी चीन), हिंद महासागर में माडागास्कर और उसके इर्द-गिर्द के द्वीपों, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर में माइक्रोनीशिया और पोलिनिशिया के एटोलों (मूँगे द्वारा बनाए गए नन्हे द्वीप) और बड़े द्वीपों पर उगता है। यह झाड़ी या छोटे पेड़ का रूप रखता है जो लगभग ६ मीटर (२० फ़ुट) ऊँचा उग जाता है और लगभग उतने ही क्षेत्र में इसकी टहनियाँ भी फैल जाती हैं।