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पंकलंघी ( Hindi )

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पंकलंघी (अंग्रेज़ी: mudskipper, मडस्किपर; बंगाली: চিড়িং মাছ, चिड़िम माछ) एक प्रकार की उभयचर मछली होती है, यानि ऐसी मछली जो लम्बे समय के लिये पानी से बाहर गीली रेत में रह सके और कुछ हद तक चलने में भी सक्षम हो। पंकलंघी अपने फ़िनों का प्रयोग कर के धरती पर चल पाती हैं और ऐसे क्षेत्रों में रहती हैं जो ज्वार-भाटा से कभी तो समुद्री पानी से ढके होते हैं और कभी पानी से बाहर हो जाते हैं। इन क्षेत्रों में अन्य मछलियाँ भी रहती हैं लेकिन, जहाँ वे पानी वापस जाने पर बचने वाले पानी के छोटे पोखरों में आश्रय लेती हैं, वहाँ पंकलंघी खुली रेत पर ही भ्रमण करने लगते हैं।[1][2]

इन्हें भी देखें

बाहरी जोड़

सन्दर्भ

  1. "पानी के बाहर भी रह सकती है 'मडस्किपर' मछली", योगेश कुमार गोयल, दैनिक ट्रिब्यून, सितंबर 2010
  2. Murdy EO (1989). "A Taxonomic Revision and Cladistic Analysis of the Oxudercine Gobies (Gobiidae: Oxudercinae)". Records of the Australian Museum. Suppl 11: 1–93. doi:10.3853/j.0812-7387.11.1989.93.
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पंकलंघी: Brief Summary ( Hindi )

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पंकलंघी (अंग्रेज़ी: mudskipper, मडस्किपर; बंगाली: চিড়িং মাছ, चिड़िम माछ) एक प्रकार की उभयचर मछली होती है, यानि ऐसी मछली जो लम्बे समय के लिये पानी से बाहर गीली रेत में रह सके और कुछ हद तक चलने में भी सक्षम हो। पंकलंघी अपने फ़िनों का प्रयोग कर के धरती पर चल पाती हैं और ऐसे क्षेत्रों में रहती हैं जो ज्वार-भाटा से कभी तो समुद्री पानी से ढके होते हैं और कभी पानी से बाहर हो जाते हैं। इन क्षेत्रों में अन्य मछलियाँ भी रहती हैं लेकिन, जहाँ वे पानी वापस जाने पर बचने वाले पानी के छोटे पोखरों में आश्रय लेती हैं, वहाँ पंकलंघी खुली रेत पर ही भ्रमण करने लगते हैं।

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