अंटार्कटिक क्रिल (Antarctic krill, वैज्ञानिक नाम: Euphausia superba, यूफ़ौज़िया सुपर्बा) अंटार्कटिका महाद्वीप के इर्द-गिर्द दक्षिणी महासागर में पाई जाने वाली क्रिल की जाति है। क्रस्टेशिया जीववैज्ञानिक उपसंघ के यह नन्हें प्राणी समुद्र में घने झुंड बनाकर रहते हैं - अक्सर इन झुंडों में एक घन मीटर में १०,००० - ३०,००० क्रिल होते हैं। अंटार्कटिक क्रिल ६ साल तक जीवित रह सकता है और यह ६ सेमी (२.४ इंच) लम्बाई और २ ग्राम वज़न तक पहुँच सकता है। क्रिल सूक्ष्मजीवी प्लवक (प्लैन्कटन) खाते हैं और फिर कई बड़े आकार के प्राणी क्रिलों को खाते हैं। यदि जैवभार (बायोमास) की दृष्टि से देखा जाये तो अंटार्कटिक क्रिल हमारे ग्रह की सबसे विस्तृत जातियों में से एक है।[1] कुल मिलाकर सभी अंटार्कटिक क्रिल का अनुमानित जैवभार ५० करोड़ टन है।[2]
अंटार्कटिक क्रिल (Antarctic krill, वैज्ञानिक नाम: Euphausia superba, यूफ़ौज़िया सुपर्बा) अंटार्कटिका महाद्वीप के इर्द-गिर्द दक्षिणी महासागर में पाई जाने वाली क्रिल की जाति है। क्रस्टेशिया जीववैज्ञानिक उपसंघ के यह नन्हें प्राणी समुद्र में घने झुंड बनाकर रहते हैं - अक्सर इन झुंडों में एक घन मीटर में १०,००० - ३०,००० क्रिल होते हैं। अंटार्कटिक क्रिल ६ साल तक जीवित रह सकता है और यह ६ सेमी (२.४ इंच) लम्बाई और २ ग्राम वज़न तक पहुँच सकता है। क्रिल सूक्ष्मजीवी प्लवक (प्लैन्कटन) खाते हैं और फिर कई बड़े आकार के प्राणी क्रिलों को खाते हैं। यदि जैवभार (बायोमास) की दृष्टि से देखा जाये तो अंटार्कटिक क्रिल हमारे ग्रह की सबसे विस्तृत जातियों में से एक है। कुल मिलाकर सभी अंटार्कटिक क्रिल का अनुमानित जैवभार ५० करोड़ टन है।