पत्रंग या पत्रांग सेसलपिनिया वंश में एक सपुष्पक वनस्पति की जीववैज्ञानिक जाति है। इसका वैज्ञानिक नाम "सेसलपिनिया सपन" (Caesalpinia sappan) है।[1]
आयुर्वेद में पत्रंग को चोटों पर और दस्त रोकने के लिए प्रयोग करा जाता है।[2] इसे लाल स्याही और कपड़े रंगने के लिए लाल रंग बनाने के लिए भी इस्तेमाल करा जाता है। केरल और मध्य जावा द्वीप में इसके तने की लकड़ी के भीतरी भाग की हल्की छालों को अदरक, दालचीनी व लौंग के साथ मिलाकर पानी में घोलकर एक रोग-रोधक द्रव बनाने के काम भी लाया जाता है।आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान में भी इसकी बैक्टीरिया-नाशक क्षमता को परखकर सच पाया गया है।[3]
पत्रंग या पत्रांग सेसलपिनिया वंश में एक सपुष्पक वनस्पति की जीववैज्ञानिक जाति है। इसका वैज्ञानिक नाम "सेसलपिनिया सपन" (Caesalpinia sappan) है।