स्पाइरोकीट (spirochaete, spirochete) बैक्टीरिया का एक जीववैज्ञानिक वर्ग है जो स्पाइरोकीटीस (spirochaetes) संघ का सदस्य है।[1] यह दो झिल्लियों वाले ग्राम-ऋणात्मक बैक्टीरिया होते हैं, जिसकी अधिकांश जातियों की कोशिकाओं का आकार सर्पिल कुण्डल जैसा, 3 से 500 µm लम्बा और 0.09 से 3 µm के व्यास वाला होता है। स्पाइरोकीट रसायनाहारी होते हैं और अन्य बैक्टीरिया संघों से अपनी लम्बी और सर्पिल कशाभिकाओं से पहचाने जाते हैं।[2] यह कशाभिकाएँ मुड़-मुड़कर स्पाइरोकीट को गतिशील बनाती हैं। अधिकतर स्पाइरोकीट जातियाँ स्वतंत्र रूप से रहने वाली अवायुजीवी होती हैं लेकिन कुछ अन्य जीवों में रोगजनक होती हैं।[3][4]
स्पाइरोकीट (spirochaete, spirochete) बैक्टीरिया का एक जीववैज्ञानिक वर्ग है जो स्पाइरोकीटीस (spirochaetes) संघ का सदस्य है। यह दो झिल्लियों वाले ग्राम-ऋणात्मक बैक्टीरिया होते हैं, जिसकी अधिकांश जातियों की कोशिकाओं का आकार सर्पिल कुण्डल जैसा, 3 से 500 µm लम्बा और 0.09 से 3 µm के व्यास वाला होता है। स्पाइरोकीट रसायनाहारी होते हैं और अन्य बैक्टीरिया संघों से अपनी लम्बी और सर्पिल कशाभिकाओं से पहचाने जाते हैं। यह कशाभिकाएँ मुड़-मुड़कर स्पाइरोकीट को गतिशील बनाती हैं। अधिकतर स्पाइरोकीट जातियाँ स्वतंत्र रूप से रहने वाली अवायुजीवी होती हैं लेकिन कुछ अन्य जीवों में रोगजनक होती हैं।