ताड़ एकबीजपत्री वृक्ष है। इसकी 6 प्रजातियाँ होती हैं। यह अफ्रीका, एशिया तथा न्यूगीनी का मूल-निवासी है। इसका तना सीधा, सबल तथा शाखाविहिन होता है। ऊपरी सिरे पर कई लम्बी वृन्त तथा किनारे से कटी फलकवाली पत्तियाँ लगी होती हैं। इसका फल काष्ठीय गुठलीवाला होता है। ताड़ के वृक्ष 30 मीटर तक बढ़ सकते हैं।
ये पेड़ मुख्यता हिमालय की उचाई पर पाई जाती हैं। ये पेड़ सदाबहार वृक्ष होते हैं इनकी उचाई लगभग 45 से 50 मीटर तक होती हैं।
ताड़ की उपयोगिता के कारण इसे भारतीय नोट में स्थापित किया गया है जो इसकी विशिष्टता को दिखाता है
ताड़ एकबीजपत्री वृक्ष है। इसकी 6 प्रजातियाँ होती हैं। यह अफ्रीका, एशिया तथा न्यूगीनी का मूल-निवासी है। इसका तना सीधा, सबल तथा शाखाविहिन होता है। ऊपरी सिरे पर कई लम्बी वृन्त तथा किनारे से कटी फलकवाली पत्तियाँ लगी होती हैं। इसका फल काष्ठीय गुठलीवाला होता है। ताड़ के वृक्ष 30 मीटर तक बढ़ सकते हैं।
ये पेड़ मुख्यता हिमालय की उचाई पर पाई जाती हैं। ये पेड़ सदाबहार वृक्ष होते हैं इनकी उचाई लगभग 45 से 50 मीटर तक होती हैं।
ताड़ की उपयोगिता के कारण इसे भारतीय नोट में स्थापित किया गया है जो इसकी विशिष्टता को दिखाता है