बेलाडोना अट्रोपा बेलाडोना नामक पौधे से पाया जाता है जो की गहरे अंधेरे के नाम से प्रसिद्ध है। यह पौधा हिमालय की ६ से १२ हजार फुट की ऊँचाई वाले पर्वतीय शेत्रों में पाया जाता है। इस पौधे का सम्पूर्ण भाग जेह्रिला होता है जो की इसमें उपस्थित एट्रोपीन नामक अल्कालॉयड के कारण होता है। इस पौधे के फूल बेंगानी रंग के होते है और थोड़े बल सुगंधित होते है। यह एक न्यूरोटोक्सिन है जो मस्तिष्क पर अपना प्रभाव डालता है। इस पौधे की पत्तियाँ और जड़े अत्यधिक जेहरिली होती है परन्तु अधिकांशत: प्रकरण दुर्घटनावश पत्तियों आदि खाने से पाए जाते है। इस पौधे की घातक मात्र १०० से २०० मिलीग्राम एट्रोपिन और घातक काल २४ घंटे होती है।[1]
बेलाडोना अट्रोपा बेलाडोना नामक पौधे से पाया जाता है जो की गहरे अंधेरे के नाम से प्रसिद्ध है। यह पौधा हिमालय की ६ से १२ हजार फुट की ऊँचाई वाले पर्वतीय शेत्रों में पाया जाता है। इस पौधे का सम्पूर्ण भाग जेह्रिला होता है जो की इसमें उपस्थित एट्रोपीन नामक अल्कालॉयड के कारण होता है। इस पौधे के फूल बेंगानी रंग के होते है और थोड़े बल सुगंधित होते है। यह एक न्यूरोटोक्सिन है जो मस्तिष्क पर अपना प्रभाव डालता है। इस पौधे की पत्तियाँ और जड़े अत्यधिक जेहरिली होती है परन्तु अधिकांशत: प्रकरण दुर्घटनावश पत्तियों आदि खाने से पाए जाते है। इस पौधे की घातक मात्र १०० से २०० मिलीग्राम एट्रोपिन और घातक काल २४ घंटे होती है।