चीतल, या चीतल मृग, या चित्तिदार हिरन हिरन के कुल का एक प्राणी है, जो कि श्री लंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत में पाया जाता है। पाकिस्तान के भी कुछ इलाकों में भी बहुत कम पाया जाता है। अपनी प्रजाति का यह एकमात्र जीवित प्राणी है।
चीतल की त्वचा का रंग हल्का लाल-भूरे रंग का होता है और उसमें सफ़ेद धब्बे होते हैं। पेट और अंदरुनी टांगों का रंग सफ़ेद होता है। चीतल के सींग, जो कि अमूमन तीन शाखाओं वाले होते हैं, पाश्चात्य वाद्ययंत्र लायर की तरह घुमावदार होते हैं और ७५ से.मी. तक लंबे हो सकते हैं और जिन्हें यह हर साल गिरा देता है। अपने निकटतम रिशतेदार पाढ़ा की तुलना में चीतल की कद-काठी दौड़ने के लिए अधिक विकसित है। इसके शरीर की बनावट अधिक विकसित होती है। इसके सींग की शाखाएँ क्रमशः छोटी होती चलती हैं तथा खोपड़ी के कर्णछिद्र छोटे होते हैं। इसका क़द कंधे तक ९० से.मी. होता है और वज़न ८५ कि. तक होता है, हालांकि नर मादा से थोड़ा बड़ा होता है। इसका जीवनकाल ८-१४ साल का होता है।
चीतल का आवास भारत में ८-३०° उत्तर अक्षांश में, तथा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा श्रीलंका में पाया जाता है।[2] इसके आवास की पश्चिमी सीमा पूर्वी राजस्थान और गुजरात हैं। उत्तरी सीमा है हिमालय के गिरिपीठ (foothills) का भाभर-तराई का वह क्षेत्र (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल, उत्तरी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, भूटान के वन क्षेत्र तथा पश्चिमी असम) जो समुद्र सतह से १,१०० मी. कम पड़ता है।[1]पूर्वी सीमा पश्चिमी असम[3][4] तथा पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के सुन्दरवन हैं।[1]दक्षिणी सीमा श्रीलंका है। चीतल भारतीय प्रायद्वीप के अन्य वन क्षेत्रों में यदा-कदा पाया जाता है।[5] बांग्लादेश में अब यह केवल सुन्दरवन में ही पाया जाता है क्योंकि यह मध्य, उत्तर-पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों से विलुप्त हो गया है।[1]
चीतल, या चीतल मृग, या चित्तिदार हिरन हिरन के कुल का एक प्राणी है, जो कि श्री लंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत में पाया जाता है। पाकिस्तान के भी कुछ इलाकों में भी बहुत कम पाया जाता है। अपनी प्रजाति का यह एकमात्र जीवित प्राणी है।